नेपाल में तमाम उठा-पटक के बाद देश की पहली महिला चीफ जस्टिस सुशीला कार्की आज रात राष्ट्रपति भवन में 8:45 पर अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगी। तख्तापलट के बाद तीन दिनों तक बैठकों का दौर चलता रहा और अंततः फैसला सुशीला कार्की को प्रधानमंत्री बनाने का सामने आया। इनके साथ कुलमान घिसिंग, ओमप्रकाश अयार्ल और बाल आनंद शर्मा मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।
9 सितंबर को Gen Z ने किया तख्तापलट
8 सितंबर को देश में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगने के बाद 18 से 29 वर्ष तक के युवा सड़कों पर उतर आए। इसका नेतृत्व 1997 में बने युवाओं के संगठन Gen Z ने किया। आंदोलनकारियों ने राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री ओली के निजी आवासों को आग लगा दी। इस हिंसा में अब तक 51 लोगों की मौत हो चुकी है और 1000 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
जानें कौन हैं सुशीला कार्की और क्या है उनका भारत से संबंध?
भारत की सीमा के पास विराट नगर में 7 जून 1952 को जन्मीं सुशीला कार्की ने अपनी पढ़ाई वाराणसी स्थित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से की। वे नेपाल की पहली और एकमात्र महिला चीफ जस्टिस बनीं। इन्होंने 1979 में एक वकील के रूप में अपना करियर शुरू किया और 2007 में वरिष्ठ अधिवक्ता बनीं। 2016-17 में वे मुख्य न्यायाधीश बनीं।
2017 में नेपाली कांग्रेस और कुछ सांसदों द्वारा उनके खिलाफ प्रतिनिधि सभा में पक्षपातपूर्ण फैसला सुनाने का आरोप लगाते हुए महाभियोग प्रस्ताव लाया गया। इस कारण उन्हें अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया, लेकिन उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया।
प्रधानमंत्री मोदी से प्रभावित हैं कार्की
सुशीला कार्की भारतीय नेताओं से काफी प्रभावित रही हैं। अपने वक्तव्यों में वे कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा कर चुकी हैं। उन्होंने कहा था — “मैं पीएम मोदी को नमस्कार करती हूं और उनकी कार्यशैली से प्रभावित हूं। उनके प्रति मेरे मन में अच्छी धारणा है।”
कार्की भारत और नेपाल के बीच डगमगाते संबंधों के लिए एक आशा की किरण बन सकती हैं। लेकिन इस आंदोलन से उभरे कई भारत-विरोधी नेताओं का समर्थन उन्हें प्राप्त नहीं है। ऐसे में अधिक उम्मीदें रखना वाजिब नहीं लगता।
शपथ ग्रहण का आयोजन राष्ट्रपति भवन शीतल निवास में होगा। इस भवन को भी प्रदर्शनकारियों ने आज आग के हवाले कर दिया था। शीतल निवास के बाहर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी भवन के सामने मौजूद हैं।